हाइड्राइड किसे कहते हैं ? हाइड्राइडों का वर्गीकरण

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  • हाइड्राइड किसे कहते हैं ?
  • हाइड्राइडों का वर्गीकरण

हाइड्राइड किसे कहते हैं ?

हाइड्रोजन की अन्य तत्वों ( उत्कृष्ट गैसों के अतिरिक्त ) के साथ क्रिया से बने द्विअंगी यौगिकों को हाइड्राइड कहते हैं । जैसे MgH2 , B2H6 इत्यादि ।

IUPAC के अनुसार वे तत्त्व जिनकी विद्युत ऋणता हाइड्रोजन से कम होती हैं हाइड्रोजन के साथ मिलकर हाइड्राइड बनाते हैं जैसे— NaH , CaH , इत्यादि

परन्तु हाइड्रोजन के वे द्विअंगी यौगिक जिनमें हाइड्रोजन की विद्युत ऋणता दूसरे तत्त्व से कम होती है वे वास्तव में हाइड्राइड नहीं होते हैं लेकिन इन्हें भी हाइड्राइडों की श्रेणी में ही लिया जाता है तथा इन्हें हाइड्रोजन आइड कहा जाता है जैसे HCl ( हाइड्रोजन क्लोराइड ) ।

हाइड्राइडों का वर्गीकरण
Classification of Hydrides

हाइड्राइडों उपस्थित बन्ध की प्रकृति के आधार पर इन्हें मुख्यतः तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है—

  1. आयनिक या लवणीय या लवण – समान हाइड्राइड
  2. सहसंयोजक या आण्विक हाइड्राइड
  3. धात्विक या अरससमीकरणमितीय हाइड्राइड या अन्तराकाशी हाइड्राइड

आयनिक या लवणीय हाइड्राइड
ionic or Saline Hydrides

अधिक विद्युतधनी प्रकृति के तत्त्व ( क्षार धातु , क्षारीय मृदा धातु तथा La ) हाइड्रोजन के साथ मिलकर रससमीकरणमितीय हाइड्राइड बनाते हैं , इन्हें लवणीय हाइड्राइड कहते हैं ।

इस प्रकार के हाइड्राइडों में मुख्यतः आयनिक गुण होता है अतः इन्हें आयनिक हाइड्राइड भी कहा जाता है ।

सामान्यतः धातु तथा हाइड्रोजन की सीधे अभिक्रिया द्वारा आयनिक हाइड्राइड बनते हैं ।
जैसे –
2Na + H2 → 650K → 2NaH
Ca + H2 → 423K → CaH2

सहसंयोजक या आण्विक हाइड्राइड
Covalent or Molecular Hydrides

अधिकतर p- ब्लॉक के तत्त्व हाइड्रोजन के साथ इलेक्ट्रॉनों का साझा करके सहसंयोजक हाइड्राइड बनाते हैं तथा ये अणु के रूप में पाए जाते हैं अतः इन्हें आण्विक हाइड्राइड भी कहा जाता है ।
उदाहरण CH4 , NH3 , H2O तथा HF इत्यादि ।

धात्विक या अरससमीकरणमितीय या अन्तराकाशी हाइड्राइड
Metallic or Non – stoichiometric or Interstitial Hydrides

अन्तराकाशी हाइड्राइड सामान्यत : d तथा f- ब्लॉक के तत्वों ( 7 से 9 वर्ग के अलावा ) द्वारा बनाए जाते हैं लेकिन छठे वर्ग में केवल Cr ही इस प्रकार के बनाता है ।

अन्तराकाशी हाइड्राइडों को उच्च ताप पर धातु द्वारा सीधे ही हाइड्रोजन के अवशोषण से या धातु ऑक्साइडों के विद्युत अपचयन द्वारा बनाया जा सकता है । हाइड्रोजन की कमी के कारण ये हाइड्राइड हमेशा अरससमीकरणमितीय होते हैं अर्थात् ये स्थिर संगठन के नियम का पालन नहीं करते हैं तथा इनका संगठन परिवर्तनशील होता है ।
उदाहरण- LaH2.87 , TiH1.5-1.8 , ZrH1.3-1.75 , VH0.56 इत्यादि

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