हाइड्रोजन परॉक्साइड की संरचना उपयोग भौतिक रासायनिक गुण

हाइड्रोजन परॉक्साइड से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। निम्न सभी टॉपिक की महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी गयी है

  1. H2O2 की संरचना ( Structure of H2O2 )
  2. हाइड्रोजन परॉक्साइड बनाने की विधियाँ
  3. हाइड्रोजन परॉक्साइ के भौतिक गुण
  4. H2O2 के रासायनिक गुण
  5. हाइड्रोजन परॉक्साइड ( H2O2) के उपयोग

सर्वप्रथम फ्रांस के रसायनज्ञ थेनार्ड ( Thenard ) ने सन् 1818 ई . में बेरियम परॉक्साइड ( BaO2 ) पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ( HCl ) की क्रिया से हाइड्रोजन परॉक्साइड प्राप्त किया था ।

यह एक महत्त्वपूर्ण पदार्थ है जिसका उपयोग घरेलू तथा औद्योगिक बहिस्राव का उपचार करके पर्यावरण नियन्त्रण में किया जाता है । उपस्थिति ( Presence ) – हाइड्रोजन परॉक्साइड बहुत ही सक्रिय एवं अस्थायी यौगिक है , इसलिए प्रकृति में यह मुक्त अवस्था में बहुत सूक्ष्म मात्रा में पाया जाता है ।

यह अल्प मात्रा में वर्षा के पानी ,ओस तथा हिम में पाया जाता है । वायुमण्डल में नम ऑक्सीजन पर पराबैंगनी किरणों के प्रभाव से भी यह बनता है ।

H2O2 की संरचना ( Structure of H2O2 )

H2O2 की संरचना खुली किताब की तरह तथा असमतलीय होती है जिसमें द्वितल या द्विफलकीय कोण 111.5 ° होता है । लेकिन इसकी ठोस अवस्था में बन्ध कोण 90.2 ° होता है ।

H2O2 में ऑक्सीजन पर sp3 संकरण होता है तथा इसमें दो – OH बन्ध भिन्न तल में उपस्थित होते हैं ।

हाइड्रोजन परॉक्साइड बनाने की विधियाँ
Preparation of Methods

हाइड्रोजन परॉक्साइड को निम्नलिखित विधियों द्वारा बनाया जाता

( i ) बेरियम परॉक्साइड पर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की क्रिया द्वारा– बर्फ से ठण्डे किये गये क्रिस्टलीय या हाइड्रेटेड बेरियम परॉक्साइड ( BaO2.8H2O ) के तनु विलयन में ठण्डा तनु H2SO4 विलयन मिलाने पर हाइड्रोजन परॉक्साइड तथा बेरियम सल्फेट का अवक्षेप प्राप्त होता है ।

इसमें उपस्थित जल के आधिक्य को कम दाब पर वाष्पित करके पृथक् किया जाता है ।

BaO2.8H2O (s) + H2SO4 (aq ) → H2O2 (aq) + BaSO4 (s) + 8H2O

अवक्षेपित बेरियम सल्फेट को ( BaSO4 ) छानकर , पृथक् कर लेते हैं और छनित ( विलयन ) के रूप में तनु H2O2 प्राप्त हो जाता है ।

( ii ) मर्क विधि द्वारा – बेरियम परॉक्साइड को बर्फ के जल से ठण्डा करके विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित करते हैं , तो हाइड्रोजन परॉक्साइड बनती है और साथ ही बेरियम कार्बोनेट का अवक्षेप बनता है ।

BaO2 + H2O + CO2 → BaCO3 (अवक्षेप) + H2O2

अविलेय बेरियम कार्बोनेट को छानकर पृथक् कर लिया जाता है । तथा छनित ( Filtrate ) के रूप में H2O2 का विलयन प्राप्त कर लिया जाता है ।

( iii ) औद्योगिक उत्पादन — हाइड्रोजन परॉक्साइड का औद्योगिक उत्पादन 2 – ऐल्किलऐन्थ्राक्विनॉल के स्वतः ऑक्सीकरण द्वारा किया जाता है ।

2 एथिलऐन्थ्राक्विनॉल ⇌O2 (वायु ) | H2/Pd ⇌ H2O2 + 2 एथिलऐन्थ्रेक्विनॉन

हाइड्रोजन परॉक्साइ के भौतिक गुण ( Physical Properties )

  1. शुद्ध अवस्था में हाइड्रोजन परॉक्साइड लगभग रंगहीन ( अतिहल्का नीला ) द्रव होता है ।
  2. H2O2 का गलनांक 272.4K तथा क्वथनांक 423K होता है ।
  3. 298K पर इसका घनत्व 1.44 gm-3 होता है जो कि जल के घनत्व से अधिक है तथा 290K पर इसकी श्यानता 1.25 सेन्टी पॉयज होती है ।
  4. H2O2 जल के साथ प्रत्येक अनुपात में मिश्रणीय होता है । तथा यह H2O2.H2O ( हाइड्रेट ) बना लेता है जिसका क्वथनांक 221K होता है ।
  5. H2O2 के परावैद्युतांक का मान 298K पर 70.7 C2/N.m2 होता है ।

H2O2 के रासायनिक गुण ( Chemical Properties )

H2O2 के रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं

  1. अपघटन ( Decomposition ) – शुद्ध हाइड्रोजन परॉक्साइड अस्थायी होता है अतः यह धीरे – धीरे अपघटित होकर जल तथा ऑक्सीजन देता है । यह प्रक्रम ऊष्माक्षेपी होता है ।
    2H2O2 – → 2H2O + O2

2. ऑक्सीकारक गुण ( Oxidizing Property )
अम्लीय माध्यम में – हाइड्रोजन परॉक्साइड फैरस , आयन ( Fe2+) को फैरिक ऑयन ( Fe3+ ) में लैड सल्फाइड (PbS) को लैड सल्फेट ( PbSO4 ) में ,I को I2 में तथा फेरोसायनाइड आयन को फेरीसायनाइड आयन में ऑक्सीकृत कर देता है ।

क्षारीय माध्यम में – H2O2 , Fe2+ को Fe3+ में तथा Mn2+ को Mn4+ में ऑक्सीकृत करता है ।

3. अपचायक गुण ( Reducing Property )
अम्लीय माध्यम में – H2O2 , MnO4 को Mn2+ तथा HOCl को Cl एवं O2 में अपचयित कर देता है ।

क्षारीय माध्यम में – H2O2 , I2 को I में तथा MnO4 को MnO2 में अपचयित कर देता है ।

हाइड्रोजन परॉक्साइड ( H2O2) के उपयोग

  1. दैनिक जीवन में H2O2 का उपयोग मंद कीटनाशी तथा बालों के विरंजन में किया जाता है ।
  2. पूतिरोधी ( Antiseptic ) के रूप में यह बाजार में ‘ परहाइड्रॉल ‘ ( Perhydrol ) नाम से प्रयुक्त होता है ।
  3. इसका उपयोग सोडियम परबोरेट तथा सोडियम परकार्बोनेट के निर्माण में किया जाता है , ये यौगिक उच्च कोटि के अपमार्जकों में प्रयोग किए जाते हैं ।
  4. उद्योगों में H2O2 का उपयोग वस्त्रों , कागज की लुगदी , चमड़ा , तेल , वसा आदि के लिए विरंजन कारक ( Bleaching Agent ) के रूप में किया जाता है ।
  5. H2O2 का उपयोग हाइड्रोक्यूनोन , टार्टरिक अम्ल , खाद्य उत्पादों तथा औषधियों ( सिफैलोस्पोरिन ) के संश्लेषण में भी किया जाता है ।
  6. इसे दूध , शराब इत्यादि के परिरक्षण में प्रयुक्त किया जाता है ।

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