अपचयोपचय रेडोक्स अभिक्रियाओं को सन्तुलित करना (Balancing of Redox Reactions)

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अपचयोपचय (ऑक्सीकरण – अपचयन) अभिक्रियाओं को सन्तुलित करना
ऑक्सीकरण अंक विधि तथा
अर्ध – अभिक्रिया विधि या आयन इलेक्ट्रॉन विधि ।

अपचयोपचय ( ऑक्सीकरण – अपचयन ) अभिक्रियाओं को सन्तुलित करना ( Balancing of Redox Reactions )

अपचयोपचय अभिक्रियाओं को दो विधियों द्वारा सन्तुलित किया जा सकता है

  1. ऑक्सीकरण अंक विधि तथा
  2. अर्ध-अभिक्रिया विधि या आयन इलेक्ट्रॉन विधि ।

प्रथम विधि ऑक्सीकारक तथा अपचायक की ऑक्सीकरण संख्या में परिवर्तन पर आधारित है जबकि दूसरी विधि में अभिक्रिया को दो अर्ध – अभिक्रियाओं ( ऑक्सीकरण तथा अपचयन अर्ध – अभिक्रिया ) में विभक्त किया जाता है । ( a )

ऑक्सीकरण अंक विधि ( Oxidation Number Method )

अन्य अभिक्रियाओं के समान ऑक्सीकरण – अपचयन अभिक्रियाओं के लिए भी क्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों तथाबनने वाले उत्पादों के सूत्र ज्ञात होने चाहिए । ऑक्सीकरण अंक विधि द्वारा समीकरण को सन्तुलित करने में निम्नलिखित पद प्रयुक्त होते हैं—

  1. सर्वप्रथम सभी अभिकारकों तथा उत्पादों के सही सूत्र लिखते
  2. अभिक्रिया में भाग लेने वाले सभी तत्वों के परमाणुओं को लिखकर उन परमाणुओं को ज्ञात करते हैं जिनकी ऑक्सीकरण संख्या में परिवर्तन हो रहा है ।
  3. प्रत्येक परमाणु तथा सम्पूर्ण अणु / आयन की ऑक्सीकरण संख्या में वृद्धि या कमी की गणना करते हैं । यदि ये समान न हों , तो उपयुक्त गुणांक से गुणा करते हैं , ताकि ये समान हो जाएँ ।
  4. इसके पश्चात् यह निश्चित करते हैं कि यदि अभिक्रिया जलीय विलयन में हो रही है , तो H+ या OH आयन उपयुक्त स्थान पर जोड़ें ताकि अभिकारकों तथा उत्पादों का कुल आवेश बराबर हो जाए ।
  5. जब अभिक्रिया अम्लीय माध्यम में होती है तो H+ आयनों का प्रयोग करते हैं तथा क्षारीय माध्यम होने पर OH आयनों का प्रयोग किया जाता है ।
  6. अभिकारकों या उत्पादों में जल के अणु जोड़कर , व्यंजक में दोनों ओर हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या समान कर देते । अब ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या जाँच करते हैं । यदि अभिकारकों तथा उत्पादों में ( अभिक्रिया के दोनों ओर ) ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या एकसमान है , तो यह समीकरण संतुलित अपचयोपचय अभिक्रिया को दर्शाता है ।
    उदाहरण

पद 1. इस समीकरण का ढाँचा निम्न प्रकार है

MnO4 (aq) + Br (aq) → MnO2 (s) + BrO3(aq)

पद 2. Mn व Br की ऑक्सीकरण संख्या लिखते हैं—

(+7)MnO4 (aq) + (-1)Br (aq) → (+4)MnO2 (s) + (+5)BrO3(aq)

इससे यह ज्ञात होता है कि परमैंगनेट आयन ऑक्सीकारक है । जबकि ब्रोमाइड आयन अपचायक है ।

पद 3. ऑक्सीकरण अंकों में वृद्धि तथा कमी की गणना करके | इन्हें एकसमान करते हैं ।

(+7)2MnO4 (aq) + (-1)Br (aq) → (+4)2MnO2 (s) + (+5)BrO3(aq)

पद 4. चूँकि अभिक्रिया क्षारीय माध्यम में हो रही है तथा आयनिक आवेश समान नहीं है , इसलिए आयनिक आवेश समान करने के लिए दायीं ओर 2OH जोड़ते हैं ।

2MnO4 (aq) + Br (aq) → 2MnO2 (s) + BrO3(aq) + 2OH (aq)

पद 5. अंत में हाइड्रोजन परमाणुओं की गणना करके बायीं ओर उपयुक्त संख्या में जल के अणु ( H2O ) जोड़ते हैं जिससे | संतुलित अपचयोपचय अभिक्रिया प्राप्त हो जाती है ।

2MnO4 (aq) + Br (aq) + H2O(l) → 2MnO2 (s) + BrO3(aq) + 2OH (aq)

अर्ध अभिक्रिया विधि या आयन इलेक्ट्रॉन विधि
( Half Reaction Method or Ion Electron Method )

यह विधि जेट तथा लामर ने दी थी । अपचयोपचय अभिक्रिया को सन्तुलित करने की इस विधि में दोनों अर्द्ध – अभिक्रियाओं को अलग – अलग संतुलित करते हैं तथा बाद में दोनों को जोड़कर संतुलित अभिक्रिया प्राप्त कर लेते हैं

पद 1. पहले हम ढाँचा समीकरण लिखते हैं

MnO4 (aq) + I(aq) → MnO2 (s) + I2 (s)

पद 2. इस अभिक्रिया की दो अर्द्ध – अभिक्रियाएँ निम्न प्रकार |
ऑक्सीकरण अर्द्ध – अभिक्रिया I(aq) → I2 (s)
अपचयन अर्द्ध – अभिक्रिया MnO4(aq) → MnO2 (s)

पद 3. ऑक्सीकरण अर्द्ध – अभिक्रिया में I परमाणु का सन्तुलन करने पर
2I (aq) → I2 (s)

पद 4. ऑक्सीजन परमाणु को सन्तुलित करने के लिए । अपचयन अभिक्रिया में दाईं ओर 2 जल के अणु जोड़ते हैं MnO4(aq) → MnO2 (s) + 2H2O (l)
H परमाणु को सन्तुलित करने के लिए इसमें बाईं ओर चार H+ आयन जोड़ देते हैं ।

MnO4 (aq) + 4H+ (aq) – → MnO2 (s) + 2H2O

चूँकि अभिक्रिया क्षारीय माध्यम में हो रही है इसलिए | समीकरण के दोनों ओर 4OH जोड़ देते हैं ।
MnO4(aq) + 4H+ (aq) + 4OH (aq) → MnO2 (s) + 2H2O (I) + 4OH (aq)

H+ आयन तथा OH आयन को जोड़कर H2O लिखने पर प्राप्त समीकरण निम्न है—

MnO4 (aq) + 2H2O (I) → MnO2 (s) + 4OH (aq)

पद 5. अब दोनों अर्द्ध – अभिक्रियाओं में आवेश का सन्तुलन दर्शाई गई विधि द्वारा करते हैं ।

2I (aq) → I2 ( s ) + 2e
2MnO4(aq) + 2H2O (l) + 3e → 2MnO2(s) + 4OH (aq)

इलेक्ट्रॉनों की संख्या एकसमान करने के लिए ऑक्सीकरण अर्द्ध – अभिक्रिया को 3 से तथा अपचयन अर्द्ध – अभिक्रिया को 2 से गुणा करते हैं ।

6I (aq) → 3I2 (s) + 2e
MnO4 (aq) + 4H2O (l) + 6e → 2MnO2 (s) + 8OH (aq)

पद 6. दोनों अर्द्ध – अभिक्रियाओं को जोड़कर दोनों ओर के इलेक्ट्रॉनों को निरस्त करने पर यह समीकरण प्राप्त होता है ।

6I(aq) + 2MnO4(aq) + 4H2O (l) → 3I2 (s) + 2MnO2 (s) + 8OH (aq)

पद 7. अन्त में सत्यापन करने से ज्ञात होता है कि अभिक्रिया के दोनों ओर परमाणुओं की संख्या तथा आवेश समान है , अर्थात् अभिक्रिया पूर्ण रूप से सन्तुलित है ।

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