गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं ? गुरुत्वाकर्षण बल की विशेषताएँ

गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं ? gravitational force in hindi गुरुत्वाकर्षण बल की विशेषताएँ 

इस पोस्ट में  गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं ?[ gravitational force in hindi  ] से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।   

इस आर्टिकल में  गुरुत्वाकर्षण बल की विशेषताएँ ( Properties of Gravitational Force )  को समावेश किया है, साथ में गुरुत्वाकर्षण बल से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु को अच्छे से लिखा गया है। फिर भी यदि कोई गलती है तो नीचे कमेंट करके  जरूर बताये ।

 गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं ?

यह नियम इस प्रकार है, ‘ब्रह्माण्ड में प्रत्येक कण (पिण्ड), किसी भी अन्य कण को अपनी और आकर्षित करते हुए उस पर आकर्षण बल लगाता है, जिसे गुरूत्वाकर्षण बल अथवा गुरुत्वीय बल कहते है। 

इस बल का परिमाण दोनों कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युक्कमानुपाती होता हैं। 

माना कणों के द्रव्यमान m1 व m2 तथा इनके बीच की दूरी r है, तब इनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल F का परिमाण

 F=G \frac{m_{1} m_{2}}{r^{2}}

गुरुत्वाकर्षण बल की विशेषताएँ ( Properties of Gravitational Force ) 

  • 1. गुरुत्वाकर्षण बल एक दुर्बल प्रकृति का बल है । यह प्रकृति में पाये जाने वाले बलों में सबसे दुर्बल बल ( weakest force ) है । 
  • 2. यह सदैव आकर्षण प्रकृति का होता है । 
  • 3. यह बल अन्तराणविक दूरियों से लेकर अन्तर्ग्रहीय दूरियों तक के लिए कार्य करता है । 
  • 4. यह कणों के बीच उपस्थित माध्यम पर निर्भर नहीं करता है । 
  • 5. यह एक केन्द्रीय बल है अर्थात् यह कणों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश कार्य करता है । 
  • 6. यह एक संरक्षी बल ( conservation force ) है , अर्थात् इसके द्वारा किया गया कार्य पथ पर निर्भर नहीं करता तथा इसके द्वारा एक पूर्ण चक्र में किया गया कार्य शून्य होता है । 
  • 7. गुरुत्वाकर्षण बल दो कणों के मध्य लगने वाला अन्योन्य बल है , अर्थात् दो कणों के बीच कार्यरत् गुरुत्वाकर्षण बल पर किसी अन्य कण की उपस्थिति या अनुपस्थिति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है ।

अतः इन बलों के लिए अध्यारोपण का सिद्धान्त लागू होता है । जिसके अनुसार , बहुत सारे कणों के कारण किसी कण पर बल , अलग – अलग कणों के कारण लगने वाले बलों का परिणामी बल होता है । अर्थात् 

F = F1+ F2 + F3.….

गुरुत्वाकर्षण बल से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

👉गुरुत्वाकर्षण बल प्रकृति में पाये जाने वाले बलों में सबसे दुर्बल बल है । किन्हीं दो इलेक्ट्रॉनों के बीच कार्यरत स्थित वैद्युत बल , उनके बीच कार्यरत गुरुत्वाकर्षण बल से लगभग 1043 गुना होता है । 

👉गुरुत्वाकर्षण नियतांक G के बहुत कम मान के कारण ही हमें दैनिक जीवन में गुरुत्वाकर्षण बल का आभास नहीं होता है । लेकिन आकाशीय पिण्डों का द्रव्यमान इतना अधिक होता है कि इनके बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिणाम भी मान्य होता है । 

👉ग्रहों अथवा उपग्रहों को अपनी कक्षा में गति के लिए आवश्यक अभिकेन्द्र बल क्रमश : सूर्य तथा ग्रह अथवा ग्रह एवं उपग्रह के बीच कार्यरत गुरुत्वाकर्षण बल से प्राप्त होता है ।

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