न्यूटन के गति के नियम [ newton ke gati ke niyam ] गति के तीन नियम

न्यूटन के गति के नियम [ Newton’s Laws of Motion ] गति के तीन नियम newton ke gati ke niyam

न्यूटन के गति के नियम स्वागत है 🙏आपका , इस पोस्ट में न्यूटन के गति के नियम [ Newton’s Laws of Motion ] गति के तीन नियम से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। 

newton ke gati ke niyam

न्यूटन ने गति के तीन नियम  ( Newton’s Laws of Motion )  दिये , जो इस प्रकार हैं 

प्रथम नियम ( First law ) 

बाह्य बल की अनुपस्थिति में यदि कोई वस्तु स्थिर है तो स्थिर रहती है और यदि एकसमान रेखीय गति कर रही है तो एकसमान रेखीय गति करती रहती है । 

F = 0 , तो V = 0 तथा a = 0

👉यह नियम ‘ बल ‘ को परिभाषित करता है । 

👉बाह्य बल लगाने पर वस्तु अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करती है । 

👉इसे गैलीलियो का जडत्व का नियम भी कहते हैं । 

👉जड़त्व के नियम को दो भागों में विभाजित कर सकते हैं 

1.स्थिर अवस्था के जडत्व का नियम 

2.गति अवस्था के जड़त्व का नियम 

द्वितीय नियम ( Second Law ) 

वस्तु का त्वरण इसके द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती तथा वस्तु पर आरोपित बाह्य बल के परिणामी के सीधे समानुपाती होता है , 

अर्थात् F कुल a = m 

OR

“किसी वस्तु पर कार्यरत बल, वस्तु के संवेग-परिवर्तन की दर के अनुक्रमानुपाती होता है तथ्रा संवेग में परिवर्तन लगाए गए बल की दिशा में होत है 

बल ∝ संवेग परिवर्तन की दर

यदि किसी वस्तु पर F बल लगाने पर उसके संवेग में Δt समय में परिवर्तन Δp हो, तब

\overrightarrow{\mathbf{F}} \propto \frac{\Delta \overrightarrow{\mathbf{p}}}{\Delta t} \Rightarrow F \propto \frac{\overrightarrow{\mathbf{d} p}}{d t}

 

F=K \frac{\mathbf{d} \mathbf{p}}{d t}

 

अथवा

\overrightarrow{\mathrm{F}}=\frac{\overrightarrow{\mathrm{d}} \mathrm{p}}{d t}

(CGS अथवा SI पद्धति में K=1 )

अथवा

\overrightarrow{\mathbf{F}}=\frac{d}{d t}(m \vec{v})=m \frac{\mathbf{d v}}{d t}=m \overrightarrow{\mathbf{a}}

 

\overrightarrow{\vec{F}}=m \overrightarrow{\mathbf{a}},

 

\frac{\mathbf{d v}}{d t}=a

वस्तु में उत्पन्न त्वरण

बल = द्रव्यमान × त्वरण

तृतीय नियम ( Third Law ) 

प्रत्येक क्रिया बल के समान तथा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया बल होता है । अतः

जब कोई एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है , तब दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर विपरीत दिशा में बराबर बल लगाती है । ‘ एक वस्तु द्वारा लगाए गए बल को क्रिया ( action ) तथा दूसरी वस्तु द्वारा लगाए गए बल को प्रतिक्रिया ( reaction ) कहते हैं । 

F_{12}=-F_{21}

अत : “ प्रत्येक क्रिया की बराबर व विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया प्राप्त होती है तथा क्रिया व प्रतिक्रिया अलग – अलग वस्तुओं पर कार्य करती है । ” क्रिया तथा प्रतिक्रिया बल परिमाण में बराबर तथा दिशा में विपरीत होते हैं , परन्तु अलग – अलग वस्तुओं पर कार्य करते हैं । 

इसीलिए क्रिया तथा प्रतिक्रिया एक दूसरे को कभी निरस्त नहीं करतीं ।

👉क्रिया – प्रतिक्रिया बल परस्पर विपरीत दिशा में अलग – अलग वस्तुओं पर आरोपित होते हैं । 

👉 क्रिया – प्रतिक्रिया कभी भी सन्तुलित नहीं होते हैं । 

👉हम यह निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि कौन – सा बल क्रिया है और कौन – सा प्रतिक्रिया । 

👉जब किसी वस्तु पर बल लगता है तो प्रतिक्रिया उस वस्तु की सतह के लम्बवत आरोपित होती है ।

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