घूर्णन गति ( Rotational Motion in Hindi ) घूर्णन गति किसे कहते हैं ?

घूर्णन गति ( Rotational Motion in Hindi ) घूर्णन गति किसे कहते हैं ? इस पोस्ट में घूर्णन गति ( Rotational Motion in Hindi ) घूर्णन गति किसे कहते हैं ? से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।

इस आर्टिकल में घूर्णन गति ( Rotational Motion in Hindi ) घूर्णन गति किसे कहते हैं ? से सम्बंधित परिभाषाये ,घूर्णन गति के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु , घूर्णन गति ( Rotational Motion ) के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र

घूर्णन गति के उदाहरण घूर्णन गति से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु ​, दृढ़ पिण्ड (Rigid body)जड़त्व आघूर्ण ( Moment of Inertia ) घूर्णन त्रिज्या (Radius of Gyration) को समावेश किया है, साथ में सभी महत्वपूर्ण सूत्र को अच्छे से लिखा गया है। फिर भी यदि कोई गलती है तो नीचे कमेंट करके जरूर बताये ।

दृढ़ पिण्ड (Rigid body)

दृढ पिण्ड कणों का वह निकाय है जिस पर कोई बाह्य बल लगाने पर उसके कणों के बीच पारस्परिक दूरी अपरिवर्तित रहती है। 

किसी दृढ़ पिण्ड का द्रव्यमान केन्द्र सम्पूर्ण वस्तु के सापेक्ष एक स्थिर बिन्दु है। यह पिण्ड के ज्यामितीय केन्द्र के सम्पाती भी हो सकता है और नहीं भी।

घूर्णन गति (Rotational Motion) 

यदि कोई पिण्ड अथवा निकाय किसी स्थिर अक्ष के परितः इस प्रकार गति करता है कि उसके सभी कण वृत्तीय पथ पर गति करते है, ताकि एक निश्चित समयान्तराल में प्रत्येक कण का कोणीय विस्थापन समान हो, तो उसकी गति घूर्णन गति कहलाती है।

घूर्णन गति  के उदाहरण 

1.घडी की सुई की गति 

2.पृथ्वी की घूर्णन गति

3.छत के पंखे की गति

👉इन समस्त वृत्तीय पथों के केन्द्र को मिलाने वाली रेखा घूर्णन अक्ष कहलाती है।

कोणीय विस्थापन dθ तथा कोणीय वेग ω=dθ/dt

👉यदि कोणीय वेग नियत नहीं है, तो कोणीय वेग के परिवर्तन की दर कोणीय त्वरण कहलाती है।

अत: कोणीय त्वरण α(alpha)=dω/dt

इसका SI मात्रक रेडियन/से2होता है। 

कोणीय त्वरण alpha व स्पर्श रेखीय त्वरण at निम्न प्रकार सम्बन्धित हैं

a_{t}=\alpha \times x

यदि कोणीय त्वरण alpha एकसमान है, तो घूर्णन गति के समीकरण होंगे

 \omega=\omega_{0}+\alpha \ell
\theta=\omega_{0} t+\frac{1}{2} \alpha t^{2}
\omega^{2}-\omega_{0}^{2}=2 \alpha \theta
\theta_{n}\quad वाँ \quadपद =\omega_{0}+\frac{\alpha}{2}(2 n-1)

जड़त्व आघूर्ण ( Moment of Inertia )

जड़त्व आघूर्ण किसी वस्तु का वह अन्तर्निहित गुण है जिसके कारण वस्तु अपनी विराम अथवा एकसमान घूर्णी गति में किसी भी परिवर्तन का विरोध करती है ।

किसी कण का जड़त्व आधूर्ण

I=m r^{2}

जहाँ r कण की घूर्णन अक्ष से लम्बवत् दूरी है। 

यदि कोई वस्तु कई कणों से मिलकर बनी हो, तो उस वस्तु का जड़त्व आधूर्ण

I=m_{1} r_{1}^{2}+m_{2} r_{2}^{2}+m_{3} r_{3}^{2}+\ldots

जहाँ r1, r2…rn घूर्णन अक्ष से द्रव्यमानों की लम्बवत् दूरियाँ है।

घूर्णन त्रिज्या (Radius of Gyration) 

किसी पिण्ड की, किसी दिए गए अक्ष के परित: घूर्णन त्रिज्या, उस बिन्दु से अक्ष की लम्बवत् दूरी के तुल्य होगी, जिस पर पिण्ड का सम्पूर्ण द्रव्यमान केन्द्रित माना जाए तथा पिण्ड का जड़त्व आघूर्ण उतना ही होगा जितना वास्तविक द्रव्यमान वितरण के लिए होता है।

👉यदि वस्तु के द्रव्यमान को घूर्णन त्रिज्या के वर्ग सें गुणा किया जाए तो दिए गए अक्ष के परित: जड़त्व आघूर्ण प्राप्त होता है। 

I=Mk2 अथवा

k=\sqrt{\frac{I}{M}}

जहाँ k घूर्णन त्रिज्या है। 

तथा

k=\sqrt{\frac{r_{1}^{2}+r_{2}^{2}+r_{3}^{2}+\ldots+r_{n}^{2}}{n}}

अर्थात् किसी पिण्ड के दिए गए अक्ष के परितः घूर्णन त्रिज्या उसमे निहित विभिन्न कणों की अक्ष से लम्बवत् दुरियों के वर्ग-माध्य मूल के बराबर  होती है।

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