रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना नोट्स

रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना नोट्स यहाँ कक्षा 11 रसायन विज्ञान पाठ 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण NCERT पर आधारित नोट्स लिखे गए है। 

इस अध्याय में हम निम्न सिद्धान्तों का अध्ययन करेंगे – कॉलेस लूइस सिद्धान्त , संयोजकता कक्ष इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण ( वी.एस.ई.पी.आर. ) सिद्धान्त , संयोजकता आबंध सिद्धान्त तथा आण्विक कक्षक सिद्धान्त ।

इन सिद्धान्तों की सहायता से हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि परमाणु क्यों संयुक्त होते हैं , केवल कुछ ही परमाणुओं का संयोजन क्यों होता है , अणुओं की आकृतियाँ निश्चित क्यों होती हैं , इत्यादि ।

संयोजकता के विभिन्न सिद्धान्तों का विकास तथा रासायनिक बन्धों की प्रकृति की व्याख्या का सम्बन्ध , परमाणु संरचना , तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा आवर्त सारणी से होता है ।

रासायनिक आबंधन नोट्स

द्रव्य एक या एक से अधिक प्रकार के तत्त्वों से मिलकर बना होता है । आवर्त सारणी में उत्कृष्ट गैसों के अतिरिक्त अन्य तत्त्व स्वतंत्र परमाणु के रूप में नहीं पाए जाते हैं तथा ये उसी तत्त्व या दूसरे तत्त्वों के परमाणुओं के साथ संयोग करके अणु बनाते हैं ।

अणु , परमाणुओं का एक समूह होता है जिसके विशिष्ट गुण होते हैं । विभिन्न रासायनिक स्पीशीज में उनके घटकों ( परमाणुओं , आयनों इत्यादि ) को आपस में जोड़ने वाले आकर्षण बल को रासायनिक बंध कहते हैं ।

भिन्न – भिन्न तत्त्वों के परमाणुओं के भिन्न- भिन्न विधियों से संयुक्त होने से यौगिकों का निर्माण होता है ।

रासायनिक आबंधन किसे कहते हैं ?

विभिन्न रासायनिक स्पीशीज में उनके घटकों ( परमाणुओं , आयनों इत्यादि ) को आपस में जोड़ने वाले आकर्षण बल को रासायनिक बंध कहते हैं ।

कॉसेल ने रासायनिक आबन्धन के सम्बन्ध में निम्न तथ्य दिये हैं

  • आवर्त सारणी में उच्चतम विद्युत – ऋणात्मकता वाले हैलोजेन तथा उच्चतम विद्युत – धनात्मकता वाले क्षार धातु एक – दूसरे से उत्कृष्ट गैसों द्वारा पृथक् किए गए हैं ।
  • हैलोजेन परमाणु एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके ऋणायन बनाते हैं जबकि क्षार धातु परमाणु एक इलेक्ट्रॉन का त्याग करके धनायन का निर्माण करते हैं ।
  • इस प्रकार प्राप्त ऋणायन तथा धनायन में उत्कृष्ट गैस के समान स्थायी विन्यास ( ns2np6 ) होता है जिसे अष्टक कहते हैं तथा यह विशेष रूप से स्थायी होता है । अपवाद – हीलियम – इसके बाह्यतम कोश में केवल दो इलेक्ट्रॉन ( द्विक ) होता है ।
  • ऋणायन तथा धनायन स्थिर वैद्युत आकर्षण बल द्वारा जुड़कर स्थायी हो जाते हैं , इस प्रकार बने बन्ध को आयनिक बन्ध या विद्युत संयोजी बन्ध कहते हैं तथा आयनिक बन्ध के द्वारा बने यौगिकों को आयनिक यौगिक कहते हैं ।

रासायनिक बंध कितने प्रकार के होते है ?

सामान्य रूप से रासायनिक बंध पांच प्रकार के होते हैं
रासायनिक बंध के प्रकार
विद्युत संयोजक/आयनिक बन्ध
सह संयोजक बन्ध
धात्विक बन्ध
उपसहसंयोजक बन्ध
हाइड्रोजन बन्ध

रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण NCERT पर आधारित नोट्स  

1लुईस प्रतीक बिंदु संरचना निरूपण
2अष्टक नियम और फॉर्मल आवेश
3सहसंयोजक बंध , उपसहसंयोजक बन्ध
4आयनिक बन्ध वैद्युत संयोजी बन्ध
5आबंध के गुण-आबंध लम्बाई ,ऊर्जा, कोण, कोटि
6अनुनाद तथा अनुनाद संरचनाएँ
7आबंध ध्रुवणता या बन्ध की ध्रुवता
8फायान्स का नियम – आयनिक बन्ध में आंशिक सहसंयोजी लक्षण
9[VSEPR] संयोजी कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धान्त
10VBT संयोजकता आबन्ध सिद्धान्त [Valence Bond Theory]
11हाइड्रोजन बंध [ H- BOND]
12परमाणु कक्षकों का अतिव्यापन सहसंयोजी आबंध की प्रकृति

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